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कमिश्नर के रियलिटी टेस्ट में खुली पोल: रोहनिया थानेदार लाइनहाजिर, पीड़ित को भगाने और अमर्यादित व्यवहार पर कार्रवाई

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल द्वारा कराए गए रियलिटी टेस्ट में शहर के कई थानों और थानेदारों की पोल खुल गई। रिपोर्ट में सबसे खराब प्रदर्शन रोहनिया थाने का सामने आया, जहां पीड़ित को थाने से भगा दिया गया और कमिश्नर द्वारा भेजे गए होमगार्ड एवं फॉलोवर के साथ थाने के स्टाफ ने पाँच बार दुर्व्यवहार किया। 

सीएम डैशबोर्ड के विभिन्न मानकों पर रोहनिया थाना जिले में सबसे नीचे पाया गया, जिसके बाद थाने के प्रभारी निरीक्षक विवेक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही रामनगर और जंसा थानों में भी नए थानेदारों की तैनाती की गई।

रविवार रात पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने यातायात लाइन स्थित सभागार में सैनिक सम्मेलन व मासिक अपराध समीक्षा गोष्ठी का आयोजन किया। सम्मेलन में पुलिसकर्मियों ने विभागीय बाबुओं की शिकायतें रखते हुए बताया कि फाइल निस्तारण के लिए लिपिक पद पर तैनात दरोगा और सिपाही दफ्तर के चक्कर लगवाते हैं। इसके अलावा गर्मी में थानों पर पंखा, कूलर और पीने के पानी की समस्या भी बताई गई।

कमिश्नर ने शिथिलता बरतने वाले बाबुओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही एसीपी लाइन और आरआई को निर्देश दिया कि थानों पर जल्द से जल्द पंखा, कूलर, वाटर कूलर, इनवर्टर और तख्त जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग एक परिवार है, और हर सदस्य की समस्या को गंभीरता से लिया जाएगा। थाना स्तर पर भी प्रत्येक माह सैनिक सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश थानेदारों को दिया गया।

महिला अपराधों पर जीरो टॉलरेंस और ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ को प्रभावी बनाने के निर्देश

मासिक अपराध समीक्षा में पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी, एसीपी और थानेदारों को निर्देश दिया कि जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, महिला अपराधों पर जीरो टॉलरेंस नीति, हर अपराध की सूचना पर त्वरित कार्रवाई और साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि छोटी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और पुलिसकर्मियों की कार्य कुशलता का आकलन इन्हीं बातों के आधार पर होगा।

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महिला अपराधों पर विशेष सतर्कता बरतने, शोहदों की सूची बनाकर निगरानी करने और टॉप-10 व सक्रिय अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए। ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ के अंतर्गत बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां, काली फिल्म लगे वाहन और दोपहिया पर तीन सवारी वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया।

साइबर अपराध और ट्रैफिक व्यवस्था पर सख्ती

साइबर क्राइम को नई चुनौती बताते हुए कमिश्नर ने साइबर थानों में तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने और आमजन को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। वहीं, ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर भी उन्होंने सख्ती बरती। उन्होंने कहा कि यातायात मित्रों से नियमित सुझाव लेकर ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए और अतिक्रमण हटाने में तत्परता दिखाई जाए।

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गोष्ठी में अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था व मुख्यालय) शिवहरी मीणा, डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, डीसीपी काशी गौरव बंसवाल, डीसीपी गोमती आकाश पटेल, डीसीपी क्राइम सरवणन टी., एसीपी केंट विदुष सक्सेना, एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी, एसीपी भेलूपुर ईशान सोनी, एसीपी पिंडरा प्रतीक कुमार समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं थाना प्रभारी मौजूद रहे।