गिरफ्तारी से गरमाई राजनीति: अजय राय के स्टाफ पर कार्रवाई को कांग्रेस ने बताया ‘भाजपा की ब्राह्मण विरोधी साजिश’
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के निजी स्टाफ अमित पाठक और आनंद पांडेय की गिरफ्तारी के मामले ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। बीते दिनों वाराणसी पुलिस ने दोनों को अजय राय के लहुराबीर स्थित आवास के पास से गिरफ्तार किया था।
अब इस गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है और इसे भाजपा सरकार की सुनियोजित राजनीतिक साजिश करार दिया है। रविवार को मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, महिला कांग्रेस नेत्रियों और गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिजनों ने प्रेस वार्ता कर खुलकर अपना पक्ष रखा।
प्रेस कांफ्रेंस में महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अनुराधा यादव, जिला अध्यक्ष पूनम विश्वकर्मा, डॉ. नृपेन्द्र नारायण सिंह, अमित पाठक की पत्नी सुषमा पाठक, पिता जय प्रकाश पाठक, हर्ष पाठक, सहित कई नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पूरा मामला सत्ता और प्रशासन के दुरुपयोग का जीता-जागता उदाहरण है।
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कहा गया कि यह केवल दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि विपक्ष को दबाने की कोशिश और ब्राह्मण समाज को निशाना बनाने की सुनियोजित साजिश है।
फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी, सर्विलांस पर थी नजर
पुलिस सूत्रों की मानें तो अमित पाठक और आनंद पांडेय का मोबाइल लगातार सर्विलांस पर था। दोनों की लोकेशन बीते दिनों वाराणसी के आसपास ट्रेस की जा रही थी। जैसे ही पुलिस को दोनों की पुख्ता लोकेशन लहुराबीर क्षेत्र में मिली, सादे कपड़ों में तैनात सिविल पुलिसकर्मियों की टीम ने फिल्मी स्टाइल में घेराबंदी कर अजय राय के आवास के पास से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गोपनीय और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया।
गौरतलब है कि हथुआ मार्केट में सैलून चलाने वाली एक महिला की तहरीर पर पुलिस ने दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली), 457 (रात्रि में घुसपैठ), 392 (लूट), 504 (गाली-गलौज) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की। लेकिन प्रेस वार्ता में यह बताया गया कि यही महिला पहले भी तीन बार अलग-अलग समय पर ऐसे ही आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा चुकी है, जिन्हें जांच या अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया था।
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चेतगंज थाने में पहले मामला फर्जी पाए जाने पर फाइनल रिपोर्ट लगाई गई थी। इसके बाद इसी महिला ने 156(3) के तहत कोर्ट में मामला दर्ज करवाने की कोशिश की थी, जिसे भी न्यायालय ने सिरे से खारिज कर दिया।
अब एक साल बाद फिर से उसी महिला की तहरीर पर कांग्रेस अध्यक्ष के निजी स्टाफ रहे दो ब्राह्मण युवकों को गिरफ्तार किया गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि दोनों युवकों ने भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया। सवाल उठाते हुए कहा गया कि क्या भाजपा की नीतियों का विरोध करना अब अपराध है? क्या ब्राह्मण होना सत्ता के लिए अपराध बन चुका है?
कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और जल्द ही सच सामने आएगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई सिर्फ कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं को बदनाम करने की साजिश है, जो भाजपा की हताशा को दर्शाती है। अमित पाठक और आनंद पांडेय वर्षों से कांग्रेस संगठन से जुड़े हुए हैं और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बेहद करीबी हैं।
सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों की नाराजगी, ब्राह्मण समाज निशाने पर
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा रोष है। सोशल मीडिया पर तमाम नेताओं ने पोस्ट किया है कि “ब्राह्मण कांग्रेसियों को टारगेट करना भाजपा सरकार की सोची-समझी रणनीति है।” कांग्रेस ने कहा कि जब जनता का सामना नहीं कर पा रही भाजपा, तो उसने अब पुलिसिया कार्रवाई और एक महिला को मोहरा बनाकर साजिश की सियासत शुरू कर दी है।
प्रेस वार्ता में यह भी कहा गया कि भाजपा सरकार विपक्ष को दबाने के लिए अब ऐसे हथकंडे अपना रही है। जब जनता का सामना करने में असमर्थ होती है, तो एक महिला को मोहरा बनाकर फर्जी मुकदमे दर्ज कराती है। कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कहा – यह केवल दो लोगों की लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र, न्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई है। कांग्रेस पीछे हटने वाली नहीं है।
"ब्राह्मणों के खिलाफ हो रहे लगातार षड्यंत्र, अब बर्दाश्त नहीं"
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने एक सुर में कहा कि पूरे प्रदेश में ब्राह्मण समाज के साथ अन्याय और साजिशें हो रही हैं। विशेष रूप से उन ब्राह्मणों को निशाना बनाया जा रहा है जो भाजपा की विचारधारा से असहमत हैं या कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी कई कांग्रेस नेताओं ने यह पोस्ट किया कि ब्राह्मण होना अब भाजपा सरकार में अपराध बन चुका है।