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वाराणसी छावनी क्षेत्र में अव्यवस्था चरम पर: जेएचवी मॉल के सामने गार्डन में खड़ी हो रही बाइकें, बैठने की जगह पर कब्जा, जाम से लोग त्रस्त

छावनी परिषद क्षेत्र के जेएचवी मॉल के सामने बने छोटे-छोटे घास के गार्डन इन दिनों अव्यवस्था का जीता-जागता उदाहरण बन गए हैं। यह स्थान जहां लोग सुकून से बैठते थे, अब बाइकों की अवैध पार्किंग से पट चुका है। हरियाली बर्बाद हो रही है और बैठने की जगह तक लोगों से छिन चुकी है।

बोर्ड लगे हैं, चेतावनी भी है – फिर भी मनमानी जारी

गार्डन की चारदीवारी पर साफ-साफ लिखा है — "यहाँ वाहन खड़ा करना मना है, ₹500 जुर्माना लगेगा।" मगर इन चेतावनियों का न जनता पर असर हो रहा है और न ही मॉल प्रबंधन पर। 

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रोजाना सैकड़ों बाइकें इन गार्डनों के भीतर घुसकर खड़ी कर दी जाती हैं, जिससे घास खराब हो रही है और जगह-जगह मिट्टी उखड़ चुकी है।

बैठने की जगह भी छिनी

स्थानीय लोगों का कहना है कि "यह गार्डन सिर्फ सजावट के लिए नहीं था, लोग यहाँ बैठते थे, बच्चे खेलते थे, बुजुर्ग सुकून पाते थे। अब हर जगह बाइकें खड़ी हैं, न बैठ सकते हैं, न चल सकते हैं।"

ट्रैफिक जाम बना रोज का सिरदर्द

इन गार्डनों में बेतरतीब बाइक खड़ी होने की वजह से सड़क किनारे भी जाम की स्थिति बनी रहती है। राहगीरों को पैदल चलने में दिक्कत होती है और वाहन चालकों को रास्ता नहीं मिलता।

प्रशासन की निष्क्रियता या मॉल को संरक्षण?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस अव्यवस्था के लिए जेएचवी मॉल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई होगी? क्या उन पर वाकई ₹500 प्रति बाइक का जुर्माना वसूला जाएगा या फिर हमेशा की तरह सिर्फ कागज़ी कार्रवाई कर खानापूरी करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?

सवाल उठता है कि जो लाखों रुपये इन गार्डनों की देखरेख में लगे, उनकी यह बर्बादी किससे वसूली जाएगी?

अब देखा जाएगा कि प्रशासन सिर्फ चेतावनी देता है या असल में जिम्मेदारों से जवाब मांगता है।

स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि छावनी परिषद तत्काल मौके पर निगरानी के लिए सुरक्षा कर्मी तैनात करे, सीसीटीवी कैमरे लगाए और गार्डन की मरम्मत कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करे। 

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साथ ही मॉल और जिम्मेदार व्यक्तियों पर जुर्माना लगाकर एक उदाहरण पेश किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी सार्वजनिक स्थल का ऐसा दुरुपयोग न कर सके।