वाराणसी पुलिस कमिश्नर के PRO दीपक रानावत पद से हटाए गए, जांच की कमान IPS अधिकारी को
पुलिस भर्ती और हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर 17 लाख रुपए की ठगी के गंभीर आरोपों के बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मामले में आरोपों से घिरे उपनिरीक्षक दीपक रानावत को पीआरओ (जनसंपर्क अधिकारी) पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। जांच पूरी होने तक उन्हें इस पद पर वापस नहीं बहाल किया जाएगा।
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इस प्रकरण की जांच का जिम्मा डीसीपी क्राइम टी. सरवणन को सौंपा गया है, जो एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यपरक बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मैनपुरी की रहने वाली अनीता यादव ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय में पहुँचकर शिकायत दी थी कि दीपक रानावत और उनके सहयोगी संदीप नामक व्यक्ति ने पुलिस भर्ती परीक्षा 2024 और दिल्ली हाईकोर्ट में स्टेनोग्राफर पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 17 लाख रुपए ठगे।
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महिला ने आरोप लगाया कि उसने दीपक रानावत के कहने पर अपने गहने बेच दिए और ब्याज पर पैसे लेकर संदीप को दो बार में 16 लाख नकद और 1 लाख ऑनलाइन दिए।
महिला ने वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट भी कमिश्नर को दिखाए, जिसमें दीपक रानावत होने का दावा किया गया है।
कमिश्नर ने दिए सख्त जांच के निर्देश
शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यदि कोई पुलिस अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में डीसीपी क्राइम को जांच की जिम्मेदारी दी गई है और PRO पद पर कार्यरत दीपक रानावत को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
कमिश्नरेट सूत्रों के अनुसार, जांच में संदीप नामक व्यक्ति की भी तलाश की जा रही है, जिससे पैसे लिए गए थे। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं महिला से झूठे वादे कर पैसे तो नहीं ठगे गए।
महिला ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरे प्रकरण की शिकायत करेगी।