वाराणसी में पुलिस और तस्करों के बीच मुठभेड़: प्याज के नीचे छिपाकर ले जा रहे थे गोवंश, 20 मिनट तक चली गोलीबारी
रविवार सुबह शहर में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब पुलिस और मवेशी तस्करों के बीच फिल्मी अंदाज में मुठभेड़ हो गई। तस्कर प्याज के बोरे के नीचे गोवंश को छिपाकर बिहार की ओर ले जा रहे थे। जब पुलिस ने ट्रक को रोकने की कोशिश की तो तस्करों ने फरार होने का प्रयास किया और पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों तस्कर घायल हो गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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घटना डाफी टोल प्लाजा के पास की है, जहां चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस ने एक ट्रक को रुकवाया। चालक ने बताया कि वह प्याज बिहार ले जा रहा है। जब पुलिस ने ट्रक के पीछे की पट्टियाँ हटवाईं तो अंदर से गतिविधियों की आवाज आई। शक होने पर पुलिस ने गहन तलाशी लेनी चाही, तभी चालक ट्रक लेकर भाग निकला।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पीछा शुरू किया। ट्रक को रोकने के लिए पुलिस की एक टीम ने हाईवे के आगे घेराबंदी कर दी, वहीं दूसरी टीम सर्विस रोड से पीछा करती रही। खुद को फँसा देख तस्करों ने पुलिस जीप पर फायरिंग कर दी। गोलीबारी में थानेदार और एक सिपाही बाल-बाल बच गए। करीब 20 मिनट तक चली इस मुठभेड़ में हाईवे की सर्विस रोड गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी।
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पुलिस की जवाबी फायरिंग में दोनों तस्कर घायल हो गए। गोली उनके पैरों में लगी और वे गिर पड़े। मौके पर मौजूद सिपाहियों ने दोनों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान रामपुर निवासी मोहम्मद हसन और बरेली निवासी नजीमुद्दीन पुत्र मोहम्मद याकूब के रूप में हुई है।
मौके पर पहुंचे ADCP टी. सरवणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू करवाई। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से पिस्टल, खोखे और अन्य साक्ष्य जुटाए।
पुलिस का कहना है कि दोनों तस्करों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है और वे लंबे समय से इस धंधे में शामिल हैं। उनकी गैंग में और कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच की जा रही है।
घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने सभी हाईवे और मुख्य मार्गों पर निगरानी बढ़ा दी है।