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नीलगिरी इंफ्रासिटी ठगी कांड: वाराणसी पुलिस ने CMD, MD को दबोचा, 113 मामलों में थी तलाश

नीलगिरी इंफ्रासिटी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। चेतगंज थाना पुलिस ने कंपनी के सीएमडी विकास सिंह, उनकी पत्नी और कंपनी की एमडी रितु सिंह और सीनियर मैनेजर प्रदीप यादव को गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों पर धोखाधड़ी समेत कुल 113 मुकदमे दर्ज हैं।

एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर, संबंधित धाराओं में जेल भेजा जाएगा।

धोखाधड़ी की कहानी: कम दाम में प्लॉट, विदेश टूर और कार का लालच

जानकारी के अनुसार, आरोपी विकास सिंह ने कुछ साल पहले मलदहिया स्थित इंडियन प्रेस कॉलोनी में 'नीलगिरी इंफ्रासिटी' नामक कंपनी की स्थापना की थी। कंपनी के जरिए लोगों को वाराणसी और आस-पास के क्षेत्रों में बाजार दर से कम कीमत पर प्लॉट दिलाने, विदेश यात्रा और कार दिलवाने के नाम पर निवेश करवाया गया।

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लुभावने ऑफर्स के झांसे में आकर न सिर्फ वाराणसी बल्कि पूर्वांचल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश तक के लोग इस जाल में फंस गए। हजारों की संख्या में लोगों ने प्लॉट बुक कराए लेकिन बाद में उन्हें न तो ज़मीन मिली और न ही पैसे वापस हुए।

113 मुकदमे, करोड़ों की ठगी

एसीपी गौरव कुमार ने बताया कि नीलगिरी इंफ्रासिटी द्वारा की गई ठगी के संबंध में अब तक कुल 113 मुकदमे वाराणसी और अन्य जिलों के थानों में दर्ज हो चुके हैं। 

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पुलिस की टीम लगातार शिकायतों की जांच कर रही थी और पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद अब इन तीनों की गिरफ्तारी की गई है।

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी, सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत

गौरतलब है कि तीनों आरोपी वर्ष 2021 में भी इसी मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उस समय सुप्रीम कोर्ट से उन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वे निवेशकों का पैसा लौटाएंगे। शुरुआती दौर में कुछ लोगों को पैसे लौटाए भी गए, लेकिन उसके बाद और अधिक शिकायतें दर्ज होनी शुरू हो गईं।

विकास सिंह महमूरगंज के तुलसीपुर इलाके का निवासी है और उसकी पत्नी रितु सिंह भी मामले में बराबर की भागीदार पाई गईं।