हिस्ट्रीशीटरों की बड़ी लिस्ट तैयार: वाराणसी में 355 अपराधी लापता, पुलिस अलर्ट मोड में
अपराध नियंत्रण की दिशा में कमिश्नरेट पुलिस ने अब एक्शन मोड में आकर अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खासतौर पर पुराने और शातिर बदमाशों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने 355 ऐसे हिस्ट्रीशीटरों की सूची तैयार की है जो लंबे समय से थानों में हाजिरी देने नहीं पहुंचे हैं।
अब इनकी तलाश के लिए थानावार टीमें बनाई गई हैं और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को भी इस कार्य में लगाया गया है।
इन हिस्ट्रीशीटरों में वरुणा जोन के 142, काशी जोन के 125 और गोमती जोन के 88 अपराधी शामिल हैं। ये सभी या तो फरार हैं, या फिर दूसरे जिलों में छिपे हुए हैं।
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पुलिस को जैसे ही इनकी मौजूदगी की सूचना मिलती है, तत्काल संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को एक प्रोफार्मा (फर्द-अ) भेजकर सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन के बाद कमिश्नरेट पुलिस उन्हें वाराणसी लाने की कार्रवाई करेगी।
जनवरी से मई 2025 के बीच वाराणसी पुलिस ने 34 नए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली है, जबकि 1084 पुराने हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। इनमें से कई ऐसे हैं जो अपने घर पर ही रहकर अपराध को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए पुलिस ने उनकी नियमित निगरानी और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अब तक काशी जोन में 37, वरुणा में 12 और गोमती जोन में 3 हिस्ट्रीशीटरों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, काशी जोन के 32, वरुणा जोन के 50 और गोमती जोन के 11 हिस्ट्रीशीटर फिलहाल जेल में बंद हैं।
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अपराध नियंत्रण को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस आयुक्तालय ने फरार हिस्ट्रीशीटरों की तलाश तेज कर दी है। उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टेक्निकल और मैन्युअल मॉनिटरिंग की जा रही है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि जो हिस्ट्रीशीटर अपराध में दोबारा सक्रिय पाए जाएं, उनके खिलाफ गुंडा एक्ट और धारा 110-जी के तहत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
राजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) ने बताया कि "अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हिस्ट्रीशीटरों पर सख्त निगरानी जरूरी है। सभी पुलिस थानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि फरार या संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त बदमाशों के खिलाफ तत्काल विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करें।"