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'नहीं चाहिए ऐसा क्योटो': वाराणसी में सीवर-जलजमाव से त्रस्त जनता का अनोखा प्रदर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'क्योटो मॉडल' की पोल खोलती तस्वीरें एक बार फिर काशी से सामने आई हैं। शहर के सीर गोवर्धन डाफी क्षेत्र, जोकि संत रविदास की जन्मभूमि है, वहां जलजमाव और सीवर की विकराल समस्या से त्रस्त नागरिकों का सब्र जवाब दे गया। गुरुवार को क्षेत्रीय लोगों ने नगर निगम और जिला प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ गंदे पानी में बैठकर अनोखा प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की।

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प्रदर्शनकारियों ने तंज कसते हुए नारा लगाया – "नहीं चाहिए ऐसा क्योटो!"। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, क्षेत्रीय विधायक और नगर निगम के खिलाफ रोष जताते हुए कहा कि संतों की भूमि पर भी सरकार की नज़र नहीं पड़ रही है, तो शेष काशी का हाल सहज ही समझा जा सकता है।

'क्योटो' के नाम पर छलावा: अमन यादव

बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के महानगर अध्यक्ष अमन यादव ने कहा कि यह इलाका संत रविदास जी की जन्मस्थली है, जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, यहां तक कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी आते हैं। बावजूद इसके, आज तक इस वार्ड का समुचित विकास नहीं हुआ।

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उन्होंने बताया कि क्षेत्र की गलियों में गंदा पानी भरा हुआ है, महिलाएं और बच्चे उसी से होकर स्कूल और काम पर जाने को मजबूर हैं। आए दिन लोग सड़कों के अभाव में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

बीमारियों का घर बन चुकी गलियां

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पूरे मोहल्ले में सीवर चोक है, बदबू और जलभराव से जीवन नारकीय हो चुका है। डेंगू, मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैल रही हैं, लेकिन नगर निगम आंख मूंदे बैठा है।

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गंदे पानी में बैठकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों में अमन यादव, बाबू भारती, अशोक राजभर, रेनू राय, शर्मिला, विनय राय, चंदन राय, संदीप यादव समेत कई क्षेत्रीय नागरिक शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र इलाके की सफाई, सड़क निर्माण और सीवर की मरम्मत नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।