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दालमंडी में 187 भवनों पर कार्रवाई तय: सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा, प्रशासन ने दी पूरी जानकारी

दालमंडी की जाम और संकरी सड़कों से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण परियोजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। सोमवार को प्रशासन ने यहां चल रहे प्रोजेक्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट की। कुल 187 भवनों पर नोटिस चस्पा कर दी गई है और भवन स्वामियों को तीन दिनों के भीतर वैध अभिलेखों के साथ संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।

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प्रशासन की ओर से सोमवार को एडीएम सिटी आलोक कुमार, एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव और केके सिंह, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि दालमंडी की सड़क को 17 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा, जिसके लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है और प्रोजेक्ट को हर हाल में पूरा किया जाएगा।

दो गुना मुआवजा और ऑन-साइट सहायता कार्यालय:

पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता के.के. सिंह ने बताया कि भवन स्वामियों को सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। 

जो लोग अपने दस्तावेजों के साथ आएंगे, उनकी मुआवजा प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच भ्रम और शंकाओं को दूर करने के लिए दालमंडी में ही एक अस्थायी कार्यालय खोला गया है, जहां एई और जेई स्तर के अधिकारी प्रतिदिन मौजूद रहेंगे।

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भवन स्वामियों से कहा गया है कि वे अपने पास मौजूद खतौनी, नगर निगम का पीला कार्ड, बिजली बिल या अन्य दस्तावेज लेकर आएं ताकि उनके दावों की जांच कर मुआवजा तय किया जा सके।

धार्मिक स्थल भी आए जद में:

प्रशासन ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण की जद में कुछ धार्मिक स्थल भी आए हैं, जिन पर अलग से बातचीत चल रही है। अधिकारी ने कहा कि ऐसे स्थलों के मामले में संवेदनशीलता के साथ निर्णय लिया जाएगा।

विस्थापितों के पुनर्वास पर चर्चा संभव:

एडीएम सिटी आलोक कुमार ने कहा कि अभी तक विस्थापितों के पुनर्वास की मांग औपचारिक रूप से नहीं आई है, लेकिन यदि लोग सामने आते हैं तो इस विषय पर भी बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर किसी के पास भूमि या भवन के कागजात नहीं हैं तो वे भी संपर्क करें। उनके पास यदि बिजली बिल, आईडी कार्ड या नगर निगम का कार्ड है, तो उस पर भी विचार किया जाएगा।”

लोगों की मांग – मुआवजा दर कम, पुनर्वास की व्यवस्था हो:

हालांकि कुछ भवन स्वामियों का कहना है कि उन्हें जो मुआवजा मिल रहा है, वह शहर में दूसरी जगह जमीन या मकान खरीदने के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने पुनर्वास की बेहतर व्यवस्था की मांग की है।


सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दालमंडी सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन और नगर निगम इसकी प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं।