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संकट मोचन संगीत समारोह 2024 : 6 दिनों में संगीत रसिकों का जमावड़ा, जिनमें न कोई हिन्दू, न मुसलमान !

वाराणसी में 27 अप्रैल से 101वां संकट मोचन संगीत समारोह शुरू हो रहा है। हनुमान जी के दरबार में पूरे 6 दिनों तक शास्त्रीय और फोक सुरों का तराना गूंजेगा। लंदन समेत दुनिया भर के 19 शहरों के 49 बड़े नामी-गिरामी कलाकार पहुंचेंगे और 150 प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम में 10 से ज्यादा पद्म पुरस्कार से सम्मानित संगीतज्ञ शामिल होंगे।

संकट मोचन हनुमान जी दरबार में पूरी रात अलग-अलग तरह का संगीत कार्यक्रम होगा। ड्रम से लेकर पखावज तक, सितार से लेकर गिटार तक, भारत के सभी 6 क्लासिकल डांस का यहां मंचन होगा। वहीं, फिल्म गायकी से लेकर शास्त्रीय सदाबहार गानों पर बड़े संगीत घरानों के कला पांडित्य का प्रदर्शन होगा।

आयोजक प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा ने बताया कि इस बार लंदन से तबला वादक संजू सहाय, मुंबई से गजल गायक अनूप जलोटा, जयपुर से मोहन वीणा वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट, दिल्ली से गायिका मालिनी अवस्थी, पंडित साजन मिश्र, तबला वादक उस्ताद अकरम खान आएंगे।

इसके अलावा चेन्नई से मैंडोलिन वादक यू राजेश और ड्रम्स प्लेयर पंडित शिवमणि भी होंगे। हैदराबाद से मृदंगम वादक डॉ. येल्ला वेंकटेश्वर राव समेत कुल 49 मुख्य कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी।

कई युवा कलाकारों को मिल रहा मौका

संकट मोचन मंदिर के महंत और संगीत समारोह के मुख्य आयोजक प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्रा ने कहा कि इस बार काशी के कई युवा शास्त्रीय कलाकारों को मौका दिया गया है। ये सभी युवा कलाकारों का संबंध बनारस घरानों से है। ये घरानों को आगे बढ़ाने वाली जनरेशन है, जिसे हौसला देना बहुत जरूरी है। यही भारत की शास्त्रीय संगीत की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।

संगीत समारोह की 6 निशाओं में नामी कलाकार करेंगे सुर साधना 

संकटमोचन संगीत समारोह की प्रथम निशा 27 अप्रैल को समारोह का शुभारंभ पंडित रतिकांत महापात्रा और सृजन संस्था के ओडिसी से होगा। इस दिन कुल 7 प्रस्तुतियां होंगी। वही, द्वितीय निशा 28 अप्रैल को पंडित यूं राजेश के मेडलीन और शिवमणि के ड्रम की जुगलबंदी होगी। इस दिन भी 7 प्रस्तुतियां होंगी।

समारोह की तीसरी निशा 29 अप्रैल को मालिनी अवस्थी के गायन से समारोह में चार-चांद लगेंगे। इस दिन 8 प्रस्तुतियां होंगीं। चौथी निशा 30 अप्रैल को होगी और इस निशा में अनूप जलोटा के गायन के साथ ही साथ 7 प्रस्तुतियां होंगीं।

पांचवी निशा में पंडित हरीश गंगानी के कत्थक से समारोह की शुरुआत होगी और 7 प्रस्तुतियां होंगी। वही, अंतिम निशा 2 मई को कविता कृष्णमूर्ति का गायन चार चांद लगाएगा। इस दिन भी 8 प्रस्तुतियां होंगी।