5 साल बाद बनारस को मिला नया माफिया, चंद्रा ज्वेलर्स का मालिक प्रशांत सिंह गैंगस्टर घोषित, दो भाई भी चार्जशीटेड
पांच साल बाद कमिश्नरेट पुलिस ने बनारस में एक नए माफिया नेटवर्क की फाइल खोल दी है। इस बार निशाने पर है अर्दली बाजार स्थित चंद्रा आभूषण भंडार के मालिक प्रशांत सिंह गहरवार और उसके दो भाई—कृष्णा सिंह व आकाशदीप सिंह। पुलिस ने तीनों को माफिया घोषित करते हुए गैंगस्टर एक्ट में चार्जशीट फाइल कर दी है। मुख्य आरोपी प्रशांत सिंह इस समय जिला जेल में निरुद्ध है।
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कमिश्नरेट पुलिस के अनुसार, प्रशांत के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी समेत कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें अधिकांश मामले ग्राहकों को नकली सोना बेचने, आभूषणों की हेराफेरी करने और ठगी के हैं। प्रशांत ने अपने भाइयों के साथ मिलकर अर्दली बाजार में चंद्रा आभूषण भंडार के नाम से दुकान खोली थी, जहां ग्राहकों को सस्ते सोने के लालच में नकली आभूषण थमाकर करोड़ों की ठगी की गई।
नकली सोने की दुकान, असली धमकियों की कहानी
पुलिस जांच में सामने आया है कि गहरवार बंधु नकली सोना बेचकर ग्राहकों से मोटी रकम ऐंठते थे। जो ग्राहक विरोध करते, उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती थी। इन लोगों ने अधिकतर ग्राहकों को कच्ची रसीद दी ताकि टैक्स की चोरी हो सके और शिकायत की स्थिति में कोई पुख्ता दस्तावेज न रहे।
महिला सिपाही भी बनी ठगी की शिकार
चौंकाने वाली बात यह है कि ठगी का शिकार खुद कानून की रखवाली करने वाली महिला सिपाही भी बनी। वर्ष 2023 में कैंट थाने में तैनात सिपाही कल्पना सिंह ने अर्दली बाजार स्थित इसी दुकान से 17.947 ग्राम की सोने की चेन और 2.80 ग्राम की सोने की अंगूठी खरीदी थी। कुछ ही दिनों में आभूषणों का रंग उतर गया। जांच कराने पर सामने आया कि सोना नकली है। जब सिपाही ने इसकी शिकायत की, तो दुकानदार कृष्णा सिंह ने न सिर्फ बदतमीजी की, बल्कि धमकी भी दी कि "कहीं भी जा सकती हो, कोई फर्क नहीं पड़ता।"
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कल्पना सिंह ने इसके बाद धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और आभूषण बदलवाया गया। इसी जांच में और भी कई ठगी के मामले सामने आने लगे।
गैंग चार्ट में हुआ नाम दर्ज
पुलिस के अनुसार, चंद्रा आभूषण भंडार के संचालक प्रशांत सिंह गहरवार और उसके दोनों भाई पेशेवर अपराधी हैं। इनके खिलाफ पहले से ही कई शिकायतें थी, लेकिन अब इनके अपराधों की पूरी श्रृंखला सामने आने के बाद इन्हें गैंग चार्ट में शामिल कर माफिया घोषित किया गया है। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश शुरू कर दी है, जिन्हें आगे गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई में शामिल किया जाएगा।
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वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस अब माफियाओं पर शिकंजा कसने के अभियान में जुटी है। पुलिस का दावा है कि पांच साल बाद जिले में नए माफिया की पहचान की गई है, जो व्यापार की आड़ में गंभीर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।