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नीलगिरी इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह समेत तीन पर एक और धोखाधड़ी का मुकदमा, महिला से जमीन के नाम पर हड़पे 10 लाख रुपये

नीलगिरी इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह, उनकी पत्नी और कंपनी की एमडी रितु सिंह, तथा सीनियर मैनेजर प्रदीप यादव के खिलाफ धोखाधड़ी का एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। हरहुआ निवासी महिला सरोजा देवी ने जमीन के नाम पर 10 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाते हुए चेतगंज थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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पुलिस के अनुसार, आरोपियों को कुछ ही दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने बताया कि सभी आरोपी पहले से जेल में हैं। महिला की तहरीर पर बीएनएस की धारा 409 (विश्वास भंग कर गबन) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज किया गया है और जल्द ही विवेचना पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

2016 में हुआ था जमीन का एग्रीमेंट

सरोजा देवी ने बताया कि 24 जून 2016 को उनके पति राजेंद्र प्रसाद ने बाबतपुर इलाके में जमीन खरीदने के लिए विकास सिंह से एग्रीमेंट किया था। जमीन की कुल कीमत 20 लाख 79 हजार रुपये तय हुई थी, जिसके तहत विकास सिंह ने 50 प्रतिशत रकम एडवांस में मांगी। इसके बाद उनके पति ने 10 लाख 39 हजार 500 रुपये एडवांस के तौर पर दिए थे।

सालों तक दिया गया सिर्फ आश्वासन

एग्रीमेंट के बाद नीलगिरी इंफ्रासिटी के मैनेजर प्रदीप यादव ने जल्द रजिस्ट्री कराने की बात कही थी, लेकिन साल 2020 तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर कोरोना महामारी का दौर आ गया और कामकाज ठप पड़ गया।

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इस दौरान भी विकास सिंह, उनकी भाभी अंशु सिंह और प्रदीप यादव महिला के पति को फोन पर रजिस्ट्री का आश्वासन देते रहे।

पति की मौत के बाद भी नहीं मिली जमीन, न पैसा

सरोजा देवी के अनुसार, कोरोना काल में उनके पति का निधन हो गया। इसके बाद विकास सिंह और उनकी टीम ने महिला को झूठा दिलासा देते रहे कि रजिस्ट्री जल्द कर दी जाएगी। लेकिन न तो जमीन की रजिस्ट्री हुई और न ही एडवांस में दिए गए रुपये वापस मिले।

पुलिस कर रही आगे की कार्रवाई

महिला की शिकायत पर चेतगंज थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि पहले से जेल में बंद विकास सिंह, उनकी पत्नी रितु सिंह और प्रदीप यादव से इस नए मुकदमे के संबंध में पूछताछ की जाएगी। इस केस को पहले से चल रही विवेचना में शामिल करते हुए समग्र चार्जशीट तैयार की जाएगी।