सिगरा हत्याकांड: भाजपा नेता पशुपति सिंह की हत्या में 16 आरोपी दोषी करार, फैसला कल आएगा
सिगरा थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर में भाजपा नेता पशुपति सिंह की नृशंस हत्या के करीब ढाई साल बाद अब इंसाफ की घड़ी आ गई है। वारदात 12 अक्टूबर 2022 को हुई थी, जिसमें गुरुवार को अदालत ने 16 आरोपियों को दोषी करार दे दिया। सभी को कठघरे में खड़ा करते हुए न्यायालय ने शुक्रवार यानी कल सजा सुनाने की तारीख तय की है। इस चर्चित हत्याकांड की पैरवी घायल पुत्र राजन सिंह ने लगातार की थी।
ऐसे हुई थी वारदात
जयप्रकाश नगर निवासी पशुपति सिंह भाजपा से जुड़े थे और मोहल्ले के तिराहे पर उनकी कई दुकानें थीं। उन्हीं के कटरे में एक शराब का ठेका भी चलता था। 12 अक्टूबर 2022 की रात लगभग 8 बजे ठेके पर कुछ युवक शराब पीकर हंगामा कर रहे थे। पशुपति सिंह ने उन्हें डांटा और घर जाने को कहा। इससे नाराज होकर आरोपी युवक अपने साथियों को बुला लाए और तकरीबन 30-40 की संख्या में पहुंचे हमलावरों ने लाठी-डंडे व रॉड से हमला बोल दिया।
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पिता को बचाने आए बेटे राजकुमार सिंह उर्फ राजन पर भी हमलावर टूट पड़े और गंभीर रूप से घायल कर दिया। दोनों को तत्काल बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने पशुपति सिंह को मृत घोषित कर दिया। राजन सिंह को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आई थीं, जिनका लंबा इलाज चला।
पुलिस और प्रशासन रहे सक्रिय
वारदात के बाद वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश, अपर पुलिस आयुक्त संतोष सिंह समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने तत्काल सख्ती दिखाते हुए चार नामजद समेत अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और जांच के बाद कुल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
डिप्टी सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष ने जताया था दुख
पशुपति सिंह की हत्या की खबर के बाद राजनीतिक गलियारे में भी शोक की लहर दौड़ गई थी। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और परिजनों से संवेदना व्यक्त की थी। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे कानून व्यवस्था पर सवाल बताया था।
सिगरा में सक्रिय है युवकों का आपराधिक ग्रुप
इस हत्याकांड में शामिल हमलावर एक आपराधिक प्रवृत्ति वाले युवकों के उस ग्रुप से जुड़े थे, जो सिगरा क्षेत्र में लंबे समय से दहशत फैलाने का काम कर रहा है। बताया जाता है कि इस ग्रुप के कुछ सदस्य अब भी खुलेआम घूम रहे हैं।
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पुलिस ने भले ही 16 लोगों को दोषी करार दिलवाया हो, लेकिन इस गिरोह की जड़ें अभी भी मजबूत बनी हुई हैं। स्थानीय लोग लगातार इस गिरोह की गतिविधियों से परेशान हैं और पुलिस से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
राजकुमार सिंह ने लड़ी लंबी लड़ाई
इस पूरे मामले में घायल पुत्र राजकुमार सिंह ने पूरे हिम्मत और संयम के साथ न्याय की लड़ाई लड़ी। गवाहों की सुरक्षा से लेकर सबूतों की मजबूत प्रस्तुति तक, राजन ने केस की पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़ी। अदालत में मजबूत साक्ष्यों और तर्कों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने 16 आरोपियों को दोषी साबित किया।
अब सबकी निगाहें फैसले पर
अदालत ने आरोपियों को हत्या, बलवा, जानलेवा हमला और साजिश की धाराओं में दोषी माना है। कल शुक्रवार को अदालत इन सभी दोषियों को सजा सुनाएगी। पीड़ित परिवार को अब न्याय की उम्मीद है और पूरा क्षेत्र इस ऐतिहासिक फैसले की प्रतीक्षा कर रहा है।