रामबिहारी चौबे हत्याकांड: 10 साल बाद विधायक सुशील सिंह को हाईकोर्ट से नोटिस, बतौर अभियुक्त तलब
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पुलिस की पूछताछ, 16 दिसंबर 2020 |
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के बहुचर्चित राम बिहारी चौबे हत्याकांड में क्षेत्रीय विधायक सुशील सिंह को अभियुक्त के रूप में तलब करने की मांग को लेकर दाखिल निगरानी याचिका पर विधायक को नोटिस जारी किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकल पीठ ने याची अमरनाथ चौबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की है और दोनों पक्षों को जवाब और प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि याची अमरनाथ चौबे के पिता राम बिहारी चौबे की 4 दिसंबर 2015 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में याची के भाई अभयनाथ चौबे द्वारा वाराणसी के चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
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पुलिस जांच में तीन अभियुक्त—नागेन्द्र उर्फ राजू, अजय सिंह उर्फ अजय मरदह और सनी सिंह—को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान नागेन्द्र ने अपने बयान में बताया कि उसने अजय सिंह के कहने पर हत्या की। अजय सिंह का नाम लगातार विधायक सुशील सिंह के करीबी के रूप में सामने आया, जिससे याची ने विधायक की भूमिका की जांच की मांग की।
याची का आरोप है कि विधायक सुशील सिंह की राजनीतिक पहुंच और सत्ता पक्ष से जुड़ाव के चलते पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की। इस पर याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मुख्य सचिव की निगरानी में सीओ स्तर के अधिकारी से मामले की विवेचना कराई जाए।
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बाद में याची सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां शीर्ष अदालत ने सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को जांच की जिम्मेदारी सौंपी और रिपोर्ट पेश करने को कहा। जांच के बाद रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट को भेजी गई, जहां अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है।
याची ने ट्रायल कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर विधायक सुशील सिंह को भी अभियुक्त के रूप में तलब करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की गई, जिस पर अब नोटिस जारी हुआ है। इस प्रकरण पर आगामी 21 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनः सुनवाई होगी।