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CM योगी के करीबी सतुआ बाबा को हत्या की आशंका, गंगा किनारे आश्रम हड़पने की विदेशी साजिश का आरोप

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी और विश्वविख्यात संत जगतगुरु संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा ने विदेशियों से अपनी जान को खतरा बताते हुए एक हाई प्रोफाइल मुकदमा दर्ज कराया है। बाबा ने आरोप लगाया है कि उनके हरिश्चंद्र घाट स्थित आश्रम को हड़पने की साजिश रची जा रही है। इसमें विदेशी नागरिकों के साथ-साथ साईं मां, अभिनव पांडेय, श्वेताभ पांडेय, परमेश्वरानंद, संतोषानंद और एक अज्ञात व्यक्ति की भूमिका बताई गई है।

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यह मुकदमा भेलूपुर थाने में दर्ज कराया गया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पहले दिया गया 1.11 करोड़ का चेक, फिर बनाए गए फर्जी दस्तावेज

संतोष दास ने बताया कि अभिनव पांडेय, जो पहले से उनके परिचित रहे हैं, ने कुछ महीने पहले सतुआ बाबा आश्रम को एक करोड़ 11 लाख रुपये का चेक दान स्वरूप सौंपा। आश्रम ने चेक को भविष्य में उपयोग हेतु सुरक्षित रख लिया।

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लेकिन बाद में पता चला कि अभिनव पांडेय ने साईं मां के कहने पर ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिए। ये दस्तावेज अंग्रेजी में थे और उसमें सतुआ बाबा और ट्रस्ट के पूर्व सचिव—जिनका जनवरी माह में निधन हो चुका है—के फर्जी हस्ताक्षर थे।

हरिश्चंद्र घाट स्थित भवन पर जबरन कब्जे की कोशिश

करीब एक माह पूर्व साईं मां के कुछ विदेशी भक्तों और अभिनव पांडेय के सहयोगियों ने हरिश्चंद्र घाट पर स्थित भवन में जबरन घुसने की कोशिश की, जो कि सतुआ बाबा ट्रस्ट की संपत्ति है। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया।

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बाद में जब दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया, तो उनमें फर्जी हस्ताक्षर मिले। बाबा ने स्पष्ट किया कि उन्हें अंग्रेजी पढ़नी-लिखनी नहीं आती, जबकि दस्तावेज में अंग्रेजी हस्ताक्षर थे। इससे यह सिद्ध होता है कि दस्तावेज कूट रचित हैं।

पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू

भेलूपुर थाना प्रभारी सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि मामले में पांच नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संपत्ति पर नज़र और जान को खतरा

संतोष दास ने स्पष्ट कहा कि यह पूरा मामला उनके आश्रम की बेशकीमती संपत्ति को कब्जाने और विदेशी ताकतों के जरिए उन पर दबाव बनाने की साजिश है। उन्होंने अपनी जान को भी खतरा बताया है और शासन-प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।