देर रात तक पढ़ाई, सुबह नहीं उठा छात्र: IIT-BHU हॉस्टल में नींद में गई जान
IIT BHU के पीसी रे हॉस्टल में बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब बीटेक फर्स्ट ईयर का छात्र अनूप सिंह चौहान सोते-सोते ही मौत के आगोश में चला गया। मंगलवार की रात वह अपने रूममेट्स के साथ देर रात तक पढ़ाई कर रहा था, लेकिन सुबह जब दोस्तों ने जगाने की कोशिश की तो वह बेसुध पड़ा मिला।
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मित्रों ने तत्काल यूनिवर्सिटी प्रशासन को जानकारी दी। यूनिवर्सिटी की एंबुलेंस से अनूप को सर सुंदरलाल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच में पता चला कि उसकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई है।
रात में की पढ़ाई, सुबह नहीं उठा
21 वर्षीय अनूप आजमगढ़ का रहने वाला था और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रहा था। मंगलवार रात करीब 11 बजे उसने हॉस्टल के मेस में खाना खाया और अपने कमरे में लौट आया। रूममेट्स के साथ करीब 3 बजे तक पढ़ाई करने के बाद सब सो गए। सुबह करीब 6:30 बजे जब दोस्तों ने उसे एग्जाम के लिए जगाने की कोशिश की, तो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
छात्रों ने तुरंत CPR देने की कोशिश की, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद एंबुलेंस की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया।
पिता बोले- कोई बीमारी नहीं थी
अनूप के पिता विनोद सिंह चौहान, जो आजमगढ़ में वकालत करते हैं, ने बताया कि रात में बेटे से बात हुई थी। अगर तबीयत खराब होती तो वह जरूर बताता। उन्होंने कहा कि अनूप को किसी तरह की कोई पुरानी बीमारी नहीं थी।
डॉक्टर बोले- कार्डियक अरेस्ट में हर पल कीमती
गंगा सेवा सदन हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित गौरव ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट का मतलब है कि हार्ट खून पंप करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत सीपीआर देना बहुत जरूरी होता है। सीपीआर गलत करने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन न करने से मरीज की जान जा सकती है।
मेडिकल जर्नल ‘द लैसेंट’ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 5-6 लाख लोग अचानक हुए कार्डियक अरेस्ट की वजह से जान गंवाते हैं। इनमें से बड़ी संख्या 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों की होती है।