वाराणसी में छठ पूजा की धूम, घाटों से लेकर छतों तक गूंजे छठ गीत, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य
सूर्योपासना और आस्था का महापर्व छठ सोमवार की संध्या को पूरे वाराणसी में श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ। शहर के घाटों से लेकर घरों की छतों तक छठी मईया के गीत गूंजते रहे। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों ने भी व्रत रखकर भगवान सूर्य और छठी मईया की आराधना की।
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गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ से पूरा शहर भक्ति में डूब गया। दशाश्वमेध, अस्सी, राजघाट और भदैनी घाट पर भक्तों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। वहीं जिन परिवारों के लिए घाट तक पहुँचना संभव नहीं था, उन्होंने अपने घरों, मोहल्लों और छतों पर छठ पूजा का आयोजन किया।
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शहर के विभिन्न कुंडों — लहरतारा, महमूरगंज और पांडेयपुर क्षेत्र के तालाबों में भी श्रद्धालुओं ने व्रत संपन्न किया। वाराणसी का हर कोना छठ की रोशनी और श्रद्धा से जगमगा उठा।
व्रतियों ने बताया कि यह पर्व न केवल सूर्य की उपासना है, बल्कि यह अनुशासन, पवित्रता और समर्पण का प्रतीक भी है। पूजा के दौरान “केलवा जस सोहावल जाय” जैसे पारंपरिक गीतों से वातावरण गूंज उठा।
रात होते-होते शहर के हर मोहल्ले में दीपों की रौशनी से छठ मईया का स्वागत किया गया। मंगलवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन किया जाएगा।
 
