बूढ़ी माँ को अस्पताल में छोड़कर भागा बेटा, तड़प-तड़पकर माँ ने तोड़ा दम — समाजसेवी ने कराया अंतिम संस्कार
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सरसुंदरलाल अस्पताल में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। आजमगढ़ के अतरौलिया थाना क्षेत्र के बुढ़नपुर गांव की 70 वर्षीय पुष्पा देवी को उनका बड़ा बेटा आनंद प्रकाश चौबे इलाज के नाम पर बीएचयू अस्पताल लेकर आया था। लेकिन महज आधे घंटे बाद ही वह अपनी बीमार और लाचार मां को स्ट्रेचर पर तड़पता छोड़कर वहां से फरार हो गया।
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बूढ़ी माँ अपने बेटे को जाते देखती रह गई, परंतु उम्र और कमजोरी के कारण कुछ नहीं कर सकी। अस्पताल परिसर में कई घंटे तक वह तड़पती और आंसू पोंछती रही। इस बीच किसी ने मानवता दिखाते हुए 108 एंबुलेंस को सूचना दी। एंबुलेंस कर्मियों ने उन्हें मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां ईएमटी अमित कुमार ने तत्काल वार्ड नंबर चार में उनका इलाज शुरू कराया। लेकिन छह दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद पुष्पा देवी ने दम तोड़ दिया।
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इस घटना की जानकारी मिलते ही समाजसेवी अमन कबीर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से मदद की अपील की। पुलिस ने भी कई बार परिवार के लोगों से संपर्क किया। कोतवाली के एसआई चंद्रेश प्रसाद, कांस्टेबल रविकांत दूबे और मीनू सिंह ने मृतका के बेटों से संपर्क किया, लेकिन वे सिर्फ झूठे आश्वासन देते रहे। यहां तक कि छोटे बेटे विजय प्रकाश ने अपना मोबाइल फोन तक बंद कर लिया।
48 घंटे तक किसी के न पहुंचने पर अमन कबीर ने मानवता का परिचय देते हुए अमन कबीर सेवा न्यास की ओर से रविवार को मणिकर्णिका घाट पर पुष्पा देवी का अंतिम संस्कार कराया।
अमन कबीर ने कहा — “एक माँ जिसने अपने बच्चों को जन्म दिया, पाल-पोसकर बड़ा किया, उसी को इस हाल में छोड़ देना दिल दहला देने वाला है। यह घटना समाज के लिए आईना है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं।
 
