वाराणसी में कफ सिरप रैकेट की परतें उधेड़ेगी SIT, कमिश्नरेट ने जांच को लिया विशेष निगरानी में
पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा कोतवाली थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति और उसके माध्यम से नशे के कारोबार के नेक्सस का पर्दाफाश किया गया है। इस पूरे मामले की गहनता और व्यापकता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, जो पूरे नेटवर्क की परतें खोलने का काम करेगी।
यह कार्रवाई औषधि निरीक्षक, जनपद वाराणसी, जुनाब अली की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद शुरू हुई है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, झारखंड राज्य के राँची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स के प्रोपराइटर भोला प्रसाद पुत्र रामदयाल प्रसाद और फर्म के कम्पीटेंट पर्सन शुभम जायसवाल पुत्र भोला प्रसाद, निवासी कायस्थ टोला, प्रहलाद घाट, वाराणसी, पर आरोप है कि उन्होंने कोडीनयुक्त कफ सिरप की भारी खेप वाराणसी की 26 दवा फर्मों को गैर-कानूनी रूप से सप्लाई की। यह कफ सिरप चिकित्सकीय उपयोग के बजाय नशे के रूप में बेचे जाने की पुष्टि औषधि विभाग की जांच में सामने आई है।
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इस संबंध में थाना कोतवाली पर मुकदमा संख्या 0235/2025 धारा 26(d) स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत पंजीकृत कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह नेटवर्क वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों में सक्रिय था और मेडिकल व डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस का अनुचित लाभ उठाकर नशीली कफ सिरप की काला बाज़ारी की जा रही थी। अधिकारियों को यह भी संदेह है कि इसमें कई अन्य सप्लायर, परिवहनकर्ता और संभावित रूप से वित्तीय लाभ उठाने वाले लोग शामिल हो सकते हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए गठित SIT में अपर पुलिस उपायुक्त, काशी जोन को अध्यक्ष, सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली को सदस्य तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को विवेचक नामित किया गया है। पुलिस उपायुक्त, काशी जोन को निर्देशित किया गया है कि वे अपने निकट पर्यवेक्षण में जांच कराते हुए साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें और पूरे नेटवर्क का खुलासा सुनिश्चित करें।
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पुलिस आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि वाराणसी में नशीली और अवैध दवाओं के कारोबार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों को किसी भी परिस्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब प्रदेश में नशीले पदार्थों के प्रसार को रोकने के लिए सरकार की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार आगे आने वाले दिनों में संबंधित फर्मों के स्टॉक, बिलिंग सिस्टम, बैंक ट्रांजैक्शन, परिवहन दस्तावेज और संभावित संरक्षण से जुड़े पहलुओं की भी जांच की जाएगी। जांच में और बड़े नामों के सामने आने की संभावना जताई जा रही है।


