वाराणसी में थाने के पास नशे का अड्डा उजागर: ड्रोन-सर्विलांस से खुला राज, दो भाई गिरफ्तार
शहर के मंडुवाडीह थाना क्षेत्र में स्थित एक पांच मंजिला मकान में मादक पदार्थों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ होने से हड़कंप मच गया। काशी जोन की पुलिस ने इस गोरखधंधे का खुलासा करते हुए दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है।
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मौके से भारी मात्रा में हरियाणा निर्मित शराब, गांजा, एमडीएमए क्रिस्टल, कोकीन पैकिंग सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक तराजू, पैकिंग मशीन, तमंचा, कारतूस और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ है। यह मकान मंडुवाडीह थाने से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित सरकारीपुरा इलाके में है, जिससे थाना पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ड्रोन और सर्विलांस से हुआ पर्दाफाश
यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब शुक्रवार को एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने लकड़मंडी चौराहे से चंदौली निवासी अनिकेत चौहान को गांजा और अन्य नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा।
पूछताछ में अनिकेत ने मंडुवाडीह इलाके में सप्लाई की बात स्वीकार की, जिसके बाद पुलिस ने उसका मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया। लोकेशन ट्रेस करने के साथ-साथ ड्रोन की मदद से मकान की निगरानी की गई, जिसमें कई आपत्तिजनक गतिविधियां कैद हुईं।
पांच मंजिला मकान बना था मादक पदार्थों की फैक्ट्री
पुलिस जब सरकारीपुरा स्थित संकरी गली में 800 वर्गफीट के पांच मंजिला मकान पर पहुंची, तो अंदर मौजूद लोगों ने दरवाजा बंद कर लिया। सीसीटीवी से बाहर की स्थिति देखने के बाद उन्होंने वकीलों को बुला लिया, जिससे पुलिस और वकीलों के बीच कहासुनी भी हुई।
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देर रात तक पुलिस ने मकान की निगरानी की और जबरन अंदर घुसने की चेतावनी दी। ड्रोन कैमरे में आरोपियों को नशीली सामग्री नष्ट करते और मोबाइल फोन छत से फेंकते हुए देखा गया।
देवेंद्र मिश्रा और महेंद्र मिश्रा गिरफ्तार
कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार को पुलिस ने दरवाजा खुलवाया और अंदर से दो सगे भाई — देवेंद्र मिश्रा और महेंद्र मिश्रा — को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने चौक क्षेत्र का निवासी होना बताया, लेकिन पुलिस को दिए गए पते पर संदेह है। पुलिस ने दोनों को चेतगंज थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
2018 से सक्रिय है गिरोह, अन्य जिलों में भी मुकदमे दर्ज
एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी. ने बताया कि गिरफ्तार दोनों भाई वर्ष 2018 से मादक पदार्थों के कारोबार में सक्रिय हैं। उनके खिलाफ वाराणसी के अलावा लखनऊ, सुल्तानपुर सहित अन्य जिलों में भी मुकदमे दर्ज हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह पूरा अवैध कारोबार मंडुवाडीह थाने से मात्र कुछ ही दूरी पर चल रहा था, जिससे थाना पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच में कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के भी संकेत मिले हैं, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है।