वाराणसी कचहरी में वकीलों ने दरोगा को पीटकर किया घायल, परिसर में पुलिस बल तैनात, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती
जिला कचहरी परिसर मंगलवार को उस समय रणभूमि में बदल गया, जब वकीलों के एक समूह ने बड़ागांव थाने के दरोगा और एक सिपाही पर हमला कर दिया। वकीलों ने दोनों पुलिसकर्मियों की जमकर पिटाई की और दरोगा की वर्दी तक फाड़ डाली। हमले में दरोगा गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत ट्रॉमा सेंटर ले जाकर भर्ती किया गया।
भारी पुलिस बल की तैनाती
घटना की सूचना मिलते ही कचहरी परिसर में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में वकील कोर्ट परिसर से निकलने लगे। हालात को नियंत्रण में करने के लिए मौके पर डीएम सत्येंद्र कुमार, डीआईजी शिवहरि मीणा, डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार, एडीसीपी क्राइम सरवणन टी और एडीएम सिटी आलोक वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे।
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सुरक्षा को देखते हुए कचहरी चौकी पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया और वकीलों से अदालत खाली करने को कहा गया।
जमीन विवाद से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार, मामला बड़ागांव थाना क्षेत्र के पुआरी खुर्द गांव का है। यहां दो पट्टीदारों – मोहित कुमार सिंह और प्रेमचंद्र मौर्या – के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। 28 जून 2025 को भी इसी विवाद को लेकर दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। हाल ही में समाधान दिवस के दौरान दोनों में फिर भिड़ंत हुई थी। इसी दौरान एक वकील घायल हुआ था, जिसके इलाज के लिए उसे ट्रॉमा सेंटर भेजा गया था। आरोप है कि उसी समय थाने के दरोगा ने वकील की पिटाई की थी। इसी को लेकर वकील गुस्से में थे।
दरोगा और सिपाही पर हमला
मंगलवार को दरोगा मिथिलेश प्रजापति (35) और उनके साथ एक सिपाही कचहरी में गो अधिनियम से संबंधित रिमांड पर्चा लेने आए थे। तभी कुछ वकीलों ने उन्हें पहचान लिया और भीड़ ने दोनों पर हमला बोल दिया।
देखते ही देखते दरोगा को लात-घूंसों और डंडों से पीटा गया। इस दौरान बीच-बचाव करने वालों को भी चोटें आईं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे परिसर में पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। वहीं, घटना का वीडियो और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने कहा कि हमले में शामिल वकीलों की पहचान की जा रही है। फुटेज के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।