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पूर्वांचल में 50 करोड़ की साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़: सारनाथ पुलिस ने मास्टरमाइंड और परिवार को नासिक से पकड़ा

वाराणसी की सारनाथ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात नासिक से 50 करोड़ से अधिक की साइबर ठगी के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी राजेंद्र प्रसाद जायसवार पिछले कई महीनों से फरार चल रहा था और उस पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा था। सारनाथ पुलिस की विशेष टीम ने नासिक में दबिश डालकर उसकी पत्नी धनौती देवी और पुत्रवधू संगीता को भी हिरासत में लिया है।

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आरोपी मूल रूप से गोरखपुर का निवासी है। पुलिस के मुताबिक, वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर वाराणसी, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जिलों में ट्रेडिंग के नाम पर ठगी कर चुका है। पीड़ितों की लगातार मिल रही शिकायतों पर सारनाथ पुलिस ने सर्विलांस और साइबर सेल की मदद से उसकी लोकेशन नासिक में ट्रेस की।

बुधवार को एसीपी विदुष सक्सेना ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दरोगा अमरजीत कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी। टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से नासिक में एक मकान पर दबिश दी, जहां से राजेंद्र प्रसाद, उसकी पत्नी और पुत्रवधू को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह ट्रेडिंग में बड़ा मुनाफा दिलाने का लालच देकर लोगों को ठगता था। फर्जी ट्रेडिंग कंपनी, नकली वेबसाइट और बैंक डिटेल भेजकर निवेशकों को भरोसे में लेता था। 1 साल में पैसा तीन गुना करने का झांसा देकर वह लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ चुका था। उसने स्वीकार किया कि गांव और रिश्तेदारों में भी कई लोग इस ठगी में शामिल किए गए थे।

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पुलिस ने आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। इनमें 3 एटीएम कार्ड, लेनोवो कंपनी का लैपटॉप, 3 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, 2 चेकबुक, 5 मोबाइल फोन, फर्जी मोहर, 10 पेज की पासबुक, धनौती देवी के नाम का एक चेक और स्टॉक ब्रोकर के नाम से मोहरयुक्त लेटर पैड शामिल हैं। पुलिस ने ठगी से जुड़े बैंक खातों को भी सीज कर दिया है।

सारनाथ पुलिस अब आरोपी से रिमांड लेकर ठगी में शामिल पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की तैयारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह पूर्वांचल में बड़े पैमाने पर साइबर ठगी कर रहा था, जिसे पकड़ना एक बड़ी सफलता है।