वाराणसी में कफ सिरप का काला कारोबार उजागर: रोहनिया के गोदाम से करोड़ों की खेप बरामद, अब बाजार में दो नाम चर्चा में
रोहनिया भदवर बाइपास स्थित एक गोदाम से बुधवार को नारकोटिक्स विभाग लखनऊ और रोहनिया पुलिस की संयुक्त छापेमारी में करोड़ों रुपये की कफ सिरप की खेप बरामद होने के बाद दवा बाजार में हलचल तेज हो गई है। छिपाकर रखे गए कफ सिरप को जब टीम ने बाहर निकाला, तो सामने आया कि यह लेबोरेट कंपनी के ESkuff ब्रांड की बड़ी खेप थी, जिसे अवैध रूप से स्टॉक किया गया था। पकड़ी गई खेप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1.5 से 2 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
जिला औषधि प्रशासन और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने बुधवार को रोहनिया में एक जिम के नीचे गोदाम पर छापा मारकर दो करोड़ रुपये का कोडीन युक्त कफ सीरप बरामद किया तो टीम के होश उड़ गए।
मौके पर 500 पेटियों में एस्कफ कफ सीरप की 75,150 और न्यू फेंसिड्रिल की 18,600 शीशियां जब्त की गईं। मौके से वाराणसी निवासी आजाद जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
कफ सीरप गाजियाबाद स्थित आरएस फार्मा कंपनी से चंदौली के सिंह मेडिकोज के नाम पर भेजा गया था और वाराणसी में छिपाया गया था। उप-पुलिस आयुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि लखनऊ से मिली सूचना के बाद यह कार्रवाई की गई है। जल्द ही और भी जानकारी सामने आ सकती है।
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इस कार्रवाई के बाद वाराणसी की दवा मंडी में दो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं—प्रशांत उपाध्याय और निलेश गुप्ता। लंबे समय से दोनों पर कई तरह की संदिग्ध गतिविधियों के आरोप लगते रहे, लेकिन उनके चेहरे कभी खुलकर सामने नहीं आए थे। मगर इस बरामदगी के बाद बाजार में यह चर्चा आम हो गई है कि “अब दोनों शेर पूरी तरह सामने आ गए हैं।”
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस कार्रवाई के बाद वाराणसी की दवा मंडी में दो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं—प्रशांत उपाध्याय और निलेश गुप्ता। लंबे समय से दोनों पर कई तरह की संदिग्ध गतिविधियों के आरोप लगते रहे, लेकिन उनके चेहरे कभी खुलकर सामने नहीं आए थे। मगर इस बरामदगी के बाद बाजार में यह चर्चा आम हो गई है कि “अब दोनों शेर पूरी तरह सामने आ गए हैं।”
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निलेश गुप्ता की तेज तरक्की, उसका मजबूत नेटवर्क और उसके कारोबारी उभार पर बाजार पहले से ही सवाल उठाता रहा है। वहीं प्रशांत उपाध्याय पर भी अवैध दवा सप्लाई से जुड़े होने की बातें दवा मंडी में गूंजती रही हैं। सूत्रों का दावा है कि दोनों के तार सहारनपुर के विशाल राणा और विभोर राणा से जुड़े हुए हैं, जो इसी तरह की अवैध सप्लाई चेन में पहले से सक्रिय हैं।
छापेमारी में बरामद ESkuff कफ सिरप को लेकर सूत्रों ने यह भी बताया कि यह खेप Laborate Company के प्रोडक्ट की है और इसे गैरकानूनी तरीके से बड़ी मात्रा में इकट्ठा किया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस ब्रांड की कई खेपों पर पहले भी दवा मंडी में संदेह जताया गया था, लेकिन कभी इतनी बड़ी मात्रा में पकड़ नहीं हुई थी।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है, लेकिन अब तक किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की गई है। सीसीटीवी फुटेज, गोदाम के दस्तावेज, सप्लाई चेन और फाइनेंसिंग—हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है।
दवा बाजार में यह चर्चा तेज़ है कि यह कार्रवाई आगे कई और बड़े नामों को बेनकाब कर सकती है।





