पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की वाराणसी कोर्ट में पेशी, भारी सुरक्षा के बीच लाए गए — पुलिस की सीटी बनी चर्चा का विषय
पूर्व आईपीएस अधिकारी और आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाराणसी कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें बॉडी प्रोटेक्टर और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मियों द्वारा कोर्ट परिसर के भीतर ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ाम देखने को मिले।
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अमिताभ ठाकुर को बी-वारंट पर देवरिया जिला कारागार से गुरुवार (18 दिसंबर) की शाम वाराणसी लाया गया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तब से वह वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्हें केंद्रीय कारागार की तन्हाई बैरक में रखा गया, जहां वह रातभर बेचैन रहे और पूरी रात सो नहीं सके।
हिंदू संगठनों के आक्रोश की आशंका को देखते हुए कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई थी। करीब 500 पुलिसकर्मी बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर तैनात रहे। कोर्ट के प्रत्येक गेट पर लगभग 100 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही आसपास के इलाकों में भी अतिरिक्त पुलिस बल लगाया गया।
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वाराणसी कोर्ट के अंदर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भेजी गई, जिसके चलते परिसर के भीतर मौजूद आम लोगों और वाहनों को बाहर निकाल दिया गया। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल स्वयं भारी पुलिस बल के साथ स्पेशल सीजेएम कोर्ट पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करते नजर आए।
इस पूरे घटनाक्रम में एक खास बात यह रही कि जब अमिताभ ठाकुर की पेशी के लिए उन्हें वाहन से उतारा गया, तब पुलिस उन्हें सीटी बजाते हुए कोर्ट के अंदर ले गई। कई स्थानों पर अमिताभ ठाकुर के कुछ बोलने का प्रयास करने पर पुलिस ने उनकी गाड़ी को पूरी तरह से ढक दिया और उनके चेहरे को मीडिया के सामने नहीं आने दिया। सुबह करीब 10 बजे से वाराणसी की मीडिया कोर्ट परिसर में मौजूद थी, जबकि शाम लगभग 5:30 बजे के आसपास अमिताभ ठाकुर को वहां लाया गया।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के करीबी अम्बरीश भोला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मामले में शुक्रवार को अमिताभ ठाकुर की कोर्ट में पेशी हुई। पूरे मामले को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चाएं तेज रहीं, वहीं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वाराणसी कोर्ट परिसर पूरी तरह छावनी में तब्दील नजर आया।


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