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धोखाधड़ी व कूटरचना कर जमीन हड़पने के मामले में परिवाद दर्ज, अगली सुनवाई 8 जुलाई को

स्थानीय अदालत में एक महत्वपूर्ण मामला प्रकाश में आया है, जिसमें धोखाधड़ी और कूटरचना कर जमीन हड़पने का आरोप लगाया गया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) श्रीकांत गौरव की अदालत ने संजय यादव समेत कई लोगों के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र को परिवाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। 

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अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 8 जुलाई 2025 निर्धारित की है, जिस दिन परिवादिनी का बयान दर्ज किया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवादिनी ऊषा देवी ने अपने अधिवक्ता विकास सिंह एवं अनूप कुमार पांडेय के माध्यम से बीएनएनएस की धारा 173(4) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने 31 जुलाई 2002 को मौजा छित्तूपुर खास, परगना देहात अमानत स्थित खाता संख्या 569, कुल रकबा 0.627 हेक्टेयर में से 1360 वर्गफीट (एक विस्वा) भूमि दिनेश कुमार से क्रय की थी।

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परिवादिनी के अनुसार, 6 जनवरी 2023 को जब उनके पति और पुत्र उक्त प्लाट पर गए तो पता चला कि स्थानीय भू-माफिया संजय यादव, विजय यादव सहित 15-20 अज्ञात लोगों ने कथित रूप से कूटरचना करते हुए प्लॉट की चौहद्दी में बदलाव कर वहां कब्जा कर लिया है।

आरोप यह भी है कि संजय यादव ने सहस्वामी श्यामलाल पटेल से मिलकर साजिश के तहत उक्त प्लाट विजय कुमार यादव को बेच दिया, जिसमें हाशिये के गवाह साकेत कुमार सिंह और सुनील कुमार पटेल बताए गए हैं।

इतना ही नहीं, आरोपियों ने जबरन प्लॉट की चहारदीवारी को तोड़ने की कोशिश की और कब्जा करने का प्रयास किया। विरोध करने पर परिवादिनी और उनके परिजनों को गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी दी गई।

पुलिस में शिकायत करने के बावजूद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो आखिरकार पीड़िता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

अब अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान में लिया है और अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तिथि नियत की है, जिस दिन पीड़िता का बयान दर्ज किया जाएगा।

यह मामला भूमि विवादों में बढ़ते अपराधों और भू-माफियाओं के बढ़ते हौसले को उजागर करता है, जिससे आम नागरिकों की जमीनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।