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वाराणसी में भारी बारिश और गंगा की बाढ़ का कहर: आठ अगस्त तक 12वीं तक के सभी स्कूल बंद, कई इलाकों में पलायन

वाराणसी में लगातार हो रही भारी बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने जिले में संचालित सभी बोर्डों – बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई, आईसीएसई और संस्कृत बोर्ड – के प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी विद्यालयों को 8 अगस्त तक बंद रखने का आदेश जारी किया है।

गंगा का रौद्र रूप, सड़कों तक पहुंचा पानी

काशी में गंगा नदी इस समय अपने रौद्र रूप में है। सभी 84 घाट पहले ही जलमग्न हो चुके हैं और अब बाढ़ का पानी शहर की सड़कों तक पहुंचने लगा है। सोमवार सुबह सामने घाट की सड़कों और बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के रास्ते पर पानी भर गया, 

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जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ। बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 के बाद यह पहला मौका है जब इस क्षेत्र में बाढ़ का पानी इस स्तर तक पहुंचा है।

राहत शिविरों में बढ़ रही भीड़, हजारों लोगों ने ली शरण

प्रशासन की ओर से जिले भर में 20 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां अब तक 605 परिवारों के कुल 2877 लोग शरण ले चुके हैं। इसके अतिरिक्त 577 परिवार ऐसे हैं जो अन्य सुरक्षित स्थानों पर खुद से डेरा डाले हुए हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरैयां, सराय मोहाना, पुराने पुल, सलारपुर, शैलपुत्री, कोनिया, नक्खी घाट, सामने घाट, ढेलवरिया, सुजाबाद, डोमरी, अस्सी, दशाश्वमेध, लोहता, चिरईगांव आदि प्रमुख हैं, जहां तेजी से पलायन हो रहा है।

प्रशासन की ओर से राहत सामग्री वितरित

प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में रह रहे लोगों को लंच पैकेट, फल और दूध पैकेट रोस्टर के अनुसार वितरित किए जा रहे हैं। शिविर में रह रही सुमन ने बताया कि "बाढ़ का पानी अचानक घर में घुस आया जिससे सारा सामान खराब हो गया।" 

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वहीं नाज्मा, जो साड़ी का कारोबार करती हैं, ने बताया कि "कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है और परिवार की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।"

हालात पर नजर बनाए हुए है प्रशासन

प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है, ताकि जरूरतमंद लोगों को समय पर राहत मिल सके। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में नावों और ट्रैक्टरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है।