एंटी करप्शन का वाराणसी में बड़ा एक्शन: महिला इंस्पेक्टर रिश्वत लेते पकड़ी गई, साथी सिपाही संग हिरासत में
एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को वाराणसी की महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने उन्हें उनके ऑफिस से खींचकर बाहर निकाला और गाड़ी में बैठाकर कैंट थाने लेकर गई। इस दौरान इंस्पेक्टर ने टीम पर रौब झाड़ने और मामला सेटल करने की कोशिश की, लेकिन एंटी करप्शन अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी।
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जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी रिश्वत की रकम अपने अधीनस्थ महिला आरक्षी अर्चना राय के जरिए ले रही थीं। टीम ने आरक्षी अर्चना राय को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से कैंट थाने में देर तक पूछताछ जारी रही।
पीड़ित मेराज नाम के युवक ने बताया कि उसके छोटे भाई की पत्नी रुकसार ने 26 अगस्त को उसके और परिवार के 13 सदस्यों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद 28 सितंबर को इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी उसके घर पहुंचीं और जेल भेजने की धमकी दी।
मेराज के मुताबिक, “10 अक्टूबर को मैं महिला थाने पहुंचा और इंस्पेक्टर सुमित्रा से मिला। उन्होंने कहा कि विवेचना में तुम्हारा नाम निकाल देंगे, लेकिन इसके लिए 20 हजार रुपये देने होंगे।”
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इस पर मेराज ने 16 अक्टूबर को एंटी करप्शन कार्यालय में शिकायत दी। इसके बाद 17 अक्टूबर को टीम ने जाल बिछाया। जब मेराज इंस्पेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने 10 हजार रुपये देने को कहा और रकम महिला आरक्षी अर्चना राय को देने का निर्देश दिया। जैसे ही अर्चना राय ने पैसे लिए, एंटी करप्शन टीम ने दोनों को मौके से दबोच लिया और रिश्वत के नोट बरामद किए।
प्रयागराज की रहने वाली सुमित्रा देवी वर्ष 2010 में उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुई थीं। उन्होंने 2010 से 2021 तक लखनऊ के कई थानों में कार्य किया। 2 सितंबर 2021 को उनका तबादला वाराणसी हुआ था, जहां उन्हें महिला थाने की प्रभारी बनाया गया।
28 सितंबर 2023 को उन्हें राजातालाब थाने का प्रभारी नियुक्त किया गया था, लेकिन कुछ माह बाद फिर से महिला थाने में तैनाती मिल गई थी।
फिलहाल एंटी करप्शन टीम ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जल्द ही दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।