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वाराणसी में आवारा कुत्तों के लिए ‘एडशेल्टर’ परियोजना की शुरुआत, सारनाथ थाने में हुआ पहला लोकार्पण

आवारा कुत्तों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा को लेकर कार्य करने वाली वाराणसी-आधारित एनजीओ गूटगार्डियन्स ने रविवार को एक सराहनीय पहल करते हुए “एडशेल्टर” परियोजना की शुरुआत की। इस परियोजना का शुभारंभ सारनाथ थाने में सारनाथ पुलिस एवं साइबर सेल वाराणसी के सहयोग से किया गया।

एडशेल्टर परियोजना के तहत दीवारों पर लगाए जाने वाले विज्ञापन ढांचों (एड स्ट्रक्चर) को इस तरह विशेष रूप से डिजाइन किया गया है कि वे सर्द रातों में आवारा कुत्तों के लिए सुरक्षित रात्रि आश्रय का कार्य कर सकें। इन विज्ञापन बैनरों को दीवारों पर इस प्रकार लगाया जाता है कि उनके नीचे आवारा कुत्ते आराम से बैठ और सो सकें।

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यह पहल सामाजिक कल्याण और विज्ञापन को एक साथ जोड़ने का एक अनोखा मॉडल है, जिसके माध्यम से ब्रांड अपने प्रचार के साथ-साथ पशु कल्याण जैसे मानवीय कार्यों में भी योगदान दे सकते हैं।

 

कार्यक्रम में एसीपी विदुष सक्सेना, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने सारनाथ थाने में पहले एडशेल्टर यूनिट का लोकार्पण एवं स्थापना की और गूटगार्डियन्स की इस पहल की सराहना की। उन्होंने नागरिकों, संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अपील की कि वे आगे आकर आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिए इस तरह के मानवीय अभियानों का समर्थन करें।

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कार्यक्रम में महंत मुकेश मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने इस अभियान को अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि निराश्रित और मूक पशुओं की देखभाल को सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ना एक संवेदनशील और सभ्य समाज की पहचान है।

सारनाथ पुलिस, साइबर सेल वाराणसी और गूटगार्डियन्स की टीम ने संयुक्त रूप से सारनाथ थाने परिसर में पहला एडशेल्टर स्थापित किया। गूटगार्डियन्स ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर को आवारा पशुओं के लिए अधिक मानवीय और सुरक्षित बनाना है। इसके लिए कम लागत वाले और व्यावहारिक मॉडल तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें वाराणसी के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर और भविष्य में अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकेगा।