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पेट में लगी थी गोली, वाराणसी के प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ ऑपरेशन, 6 दिन तक ICU में रहा नक्सली

झारखंड पुलिस को चकमा देकर घायल नक्सली ने वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में भर्ती होकर ऑपरेशन करा लिया, और हैरानी की बात यह रही कि इसकी सूचना तक स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई। जैसे ही पुलिस को मामले की भनक लगी, आनन-फानन में अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई और एक दरोगा सहित कई पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर स्थित साईं मेडिसिटी अस्पताल में सोमवार को एक युवक को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया, जिसके पेट में गोली लगी थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर गोली निकाल दी और उसे स्पेशल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। मरीज ने अस्पताल में खुद को मिथलेश कुमार यादव (36) के नाम से दर्ज कराया था।

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इस बीच, झारखंड पुलिस नक्सली मिथलेश कुमार की तलाश करते हुए वाराणसी पहुंची। सबसे पहले बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में जांच की गई, लेकिन जब वहां से कोई सुराग नहीं मिला तो लंका थाने की पुलिस को सूचित किया गया। स्थानीय पुलिस की छानबीन में सामने आया कि घायल नक्सली का इलाज एक निजी अस्पताल में हो रहा है।

एसीपी भेलूपुर डॉ. ईशान सोनी ने बताया कि यह एक गंभीर चूक है। मेडिकल केस में खासकर इस तरह के आपराधिक मामलों में पुलिस को तत्काल सूचित करना अनिवार्य होता है। बिना जानकारी के एक वांछित अपराधी का इलाज करना नियमों का उल्लंघन है। अस्पताल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है और इस मामले में सीएमओ को पत्र भेजा जाएगा ताकि अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई हो सके।

झारखंड से वाराणसी तक भतीजे की मदद से पहुंचा था नक्सली

पुलिस जांच में सामने आया कि गढ़वा (झारखंड) निवासी नक्सली अखिलेश उर्फ मिथलेश कुमार 17 मई की शाम अपने भतीजे के साथ किसी से फोन पर बात करने के बाद कार में छिपकर बनारस के लिए रवाना हुआ। 

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रास्ते में कई जगह चेकिंग और बैरियर पर गलत नाम-पते बताकर दोनों बनारस पहुंचने में सफल हो गए। यहां पहुंचने के बाद साईं मेडिसिटी अस्पताल में मिथलेश कुमार के नाम से उसे भर्ती करा दिया गया।

पुलिस द्वारा पलामू और गढ़वा में सर्च ऑपरेशन के दौरान पता चला कि भतीजा उत्तर प्रदेश गया है। सर्विलांस पर लगाए गए नंबर से उसकी लोकेशन लंका क्षेत्र में पाई गई। इसके बाद पुलिस ने साईं मेडिसिटी पहुंचकर जब मरीज की जानकारी खंगाली, तो असली पहचान का खुलासा हुआ।