कड़ी धूप में भी नहीं डिगा आस्था का जज़्बा, साईं बाबा के भक्तों ने निकाली भव्य शोभायात्रा
वाराणसी की तपती दोपहर और चिलचिलाती गर्मी भी उस समय फीकी पड़ गई, जब साईं बाबा के जयकारों से सिगरा की सड़कों का हर कोना गूंज उठा। गुरुवार को सिगरा स्थित साईं मंदिर से बाबा की 15वीं भव्य शोभयात्रा बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली गई।
![]() |
विज्ञापन |
भक्तों का जोश और आस्था देखने लायक थी — ढोल-नगाड़ों की गूंज, भजनों की सुमधुर लहरियाँ और श्रद्धालुओं का जोशीला नृत्य वातावरण को पूरी तरह भक्तिमय बना रहा।
इस शोभयात्रा के साथ मंदिर में पिछले चार दिनों से जारी धार्मिक आयोजनों का समापन हुआ। आयोजक और भक्त अभिषेक श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि मंदिर में बीते दिनों साईं सत्संग, रुद्राभिषेक, सुगंधित हवन, दीपदान और भजन संध्या जैसे अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए। प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती रही।

गुरुवार को पालकी जैसे ही मंदिर परिसर से निकली, श्रद्धालुओं का हुजूम बाबा की एक झलक पाने और सेवा में जुड़ने उमड़ पड़ा। यात्रा सिगरा से चलकर महमूरगंज होते हुए पुनः मंदिर परिसर में संपन्न हुई। मार्ग में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया, तो कहीं शीतल जल व शरबत की सेवा लगाई गई।
![]() |
विज्ञापन |
रथ पर सवार साईं बाबा की प्रतिमा को सुंदर पुष्पों से सजाया गया था और भक्त उन्हें झूमते-गाते आगे बढ़ा रहे थे। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों तक ने शोभयात्रा में उत्साह से भाग लिया। हर भक्त की आंखों में आस्था और दिल में बाबा के प्रति अटूट विश्वास साफ झलक रहा था।
अब दिनभर भंडारा चलेगा
भव्य पालकी शोभयात्रा के समापन के पश्चात मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है, जिसमें सैकड़ों भक्तों के भोजन की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं को प्रसाद और भोजन प्रेमपूर्वक परोसा जा रहा है। आयोजकों ने बताया कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्यता से किया जाएगा।
श्रद्धा और सबुरी का सजीव उदाहरण
यह आयोजन बाबा साईंनाथ के उन उपदेशों का प्रतीक रहा, जिनमें उन्होंने ‘श्रद्धा और सबुरी’ को जीवन का मूल मंत्र बताया।
भक्तों ने कड़ी धूप में घंटों पैदल चलकर यह साबित कर दिया कि जब आस्था प्रबल हो, तो कोई कठिनाई रास्ता नहीं रोक सकती।