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वाराणसी रेंज के नए डीआईजी बने वैभव कृष्णा, बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद संभाला चार्ज

पुलिस महकमे में हुए बड़े फेरबदल के तहत 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी वैभव कृष्णा ने बुधवार रात वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) का कार्यभार संभाल लिया। उन्हें पूर्व आईजी मोहित गुप्ता ने चार्ज सौंपा और उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। चार्जहस्तांतरण के दौरान दोनों अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत भी हुई।

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पूर्व आईजी मोहित गुप्ता, जो 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, को वाराणसी से हटाकर उत्तर प्रदेश शासन में सचिव (गृह) नियुक्त किया गया है। बुधवार शाम वाराणसी पहुंचे वैभव कृष्णा ने कार्यभार ग्रहण करने से पहले बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन और काल भैरव मंदिर में आरती की।

बागपत जिले के मूल निवासी वैभव कृष्णा इससे पूर्व आजमगढ़ रेंज में डीआईजी और प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान डीआईजी मेला के पद पर रह चुके हैं। वे हाल ही में वेटिंग में थे। वाराणसी जोन में यह उनकी दूसरी तैनाती है। नौकरी के शुरूआती दिनों में वे गाजीपुर में भी तैनात रह चुके हैं।

तीन जिलों की सुरक्षा व्यवस्था अब नए डीआईजी के हवाले

वाराणसी रेंज के तहत अब वैभव कृष्णा को गाजीपुर, चंदौली और जौनपुर जिलों की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन तीनों जिलों में अपराध, माफिया तंत्र और तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों पर कड़ा एक्शन लेना उनकी प्राथमिकता होगी।

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गाजीपुर और चंदौली में माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गों पर कार्रवाई, केसों की मजबूत पैरवी, गवाहों की सुरक्षा, और समयबद्ध चार्जशीट प्रस्तुत करना डीआईजी वैभव कृष्णा के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक है। इसके अलावा मुख्तार गैंग से जुड़े नेटवर्क को ध्वस्त करना और गैंग के सक्रिय सदस्यों को सलाखों के पीछे भेजना भी उनके एजेंडे में रहेगा।

नक्सल और तस्करी से भी निपटना होगा

चंदौली के नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों की गतिविधियों को नियंत्रित करना और बिहार सीमा से लगते इलाकों में शराब व पशु तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना भी वैभव कृष्णा की बड़ी जिम्मेदारी होगी।

जौनपुर जिले में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और आपसी रंजिश के कारण होने वाली हत्याओं पर अंकुश लगाना और अपराधियों में भय पैदा करना एक और बड़ी चुनौती होगी।

शासन की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सबसे बड़ा इम्तिहान

नवागत डीआईजी के लिए इन तमाम चुनौतियों के बीच शासन की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही असली परीक्षा होगी। उनके प्रशासनिक कौशल और अपराध नियंत्रण में अनुभव से वाराणसी रेंज की कानून व्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।