वाराणसी में जमीन पर फर्जीवाड़ा, धमकी और कब्जे की कोशिश – कोर्ट ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश
धोखाधड़ी और कूटरचना के जरिए दूसरे की जमीन पर अवैध रजिस्ट्री कराने और उस पर कब्जा करने की कोशिश करने के मामले में अदालत ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) की अदालत ने वादिनी विमला देवी द्वारा दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के उपरांत दिया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, नगवा लंका स्थित डालमिया कोठी निवासी विमला देवी ने अपने अधिवक्ताओं विकास सिंह और अनूप कुमार पाण्डेय के माध्यम से भारतीय दंड संहिता की धारा 173(4) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। प्रार्थना पत्र में बताया गया कि विमला देवी ने 23 जनवरी 2024 को छित्तूपुर स्थित 680 वर्गफुट जमीन आरती देवी से रजिस्ट्री कराकर खरीदी थी।
आरोप है कि इसके बावजूद रमना निवासी विजय यादव, संजय यादव, श्याम लाल और मीता देवी ने धोखाधड़ी व कूटरचना का सहारा लेते हुए उसी जमीन को पुनः उसके मूल मालिक से खरीद लिया और बाद में गीता शर्मा के नाम बैनामा कर दिया।
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इस बैनामे में संजय शर्मा व रामप्रवेश राम को गवाह बनाया गया। जबकि यह जमीन उसके पूर्व मालिक द्वारा पहले ही एक कालोनाइज़र को मुख्तारनामा के माध्यम से दे दी गई थी, जिसने उक्त भूमि पर कॉलोनी विकसित कर उसे बेच भी दिया था।
विमला देवी का आरोप है कि इसके बावजूद आरोपीगण उक्त भूमि पर कब्जा करने का प्रयास करने लगे और विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़िता ने इस संबंध में स्थानीय पुलिस से शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दे दिया है।