कमलापति त्रिपाठी कॉलोनी में बंदरों का आतंक, लोगों में भय का माहौल; नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
औरंगाबाद स्थित कमलापति त्रिपाठी कॉलोनी में पिछले कई महीनों से बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। कॉलोनी के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पर बंदरों के हमले की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिसके चलते लोगों में भय और नाराज़गी दोनों है। बावजूद इसके नगर निगम द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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हाल ही में कॉलोनी की महिलाओं ने एक बैठक कर इस समस्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की। महिलाओं ने बताया कि बंदरों का झुंड अक्सर घरों की छतों, सीढ़ियों और गलियों में घूमता रहता है। कपड़े सुखाने से लेकर पानी लेने तक का रोज़ाना का काम भी डर के साथ करना पड़ रहा है। कई बार स्कूल जाते बच्चों और बुजुर्गों पर बंदरों के हमले की कोशिश हो चुकी है।
कॉलोनी की महिलाओं ने कहा:
"हमने नगर निगम में लिखित और मौखिक दोनों तरीकों से कई बार शिकायत की है, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। कोई टीम नहीं आती, न कोई कार्रवाई होती है। सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति की जा रही है। हम डर में जी रहे हैं, लेकिन प्रशासन को इसकी परवाह नहीं।"
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महिलाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो कॉलोनी के लोग सामूहिक रूप से धरना और प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
स्थानीय निवासियों की मांग है कि नगर निगम तुरंत बंदर पकड़ने वाली टीम को भेजे और कॉलोनी में नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए।


