ईडी का मेगा ऑपरेशन: बनारस में कफ सीरप नेटवर्क की जड़ें हिलाईं, 25 ठिकानों पर दबिश
कफ सीरप के अवैध कारोबार पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा एक्शन शुरू कर दिया है। शुक्रवार सुबह-सुबह ईडी की कई टीमें देशभर में एक साथ सक्रिय हुईं और लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, रांची (झारखंड) और अहमदाबाद (गुजरात) सहित कुल 25 ठिकानों पर छापेमारी की।
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इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य पूर्वांचल के उस नेटवर्क को उजागर करना है जो लंबे समय से कफ सीरप की अवैध खपत और सप्लाई का केंद्र माना जा रहा है।
वाराणसी में कई ठिकानों पर छापेमारी
पूर्वांचल के सबसे संवेदनशील जिले वाराणसी में ईडी की टीम देवेश और कफ सिरप ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों के घरों व प्रतिष्ठानों पर पहुंची। बादशाह बाग, प्रहलाद घाट और कई अन्य इलाकों में सुबह से ही ईडी की कार्रवाई चर्चा का विषय बनी रही। अधिकारियों ने यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं।
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तेजी से बढ़ रहे अवैध कारोबार की वजह से कार्रवाई
ईडी अधिकारियों के अनुसार, कफ सीरप का अवैध कारोबार बीते कुछ समय में तेज़ी से बढ़ा है, जो न सिर्फ समाज में नशे की प्रवृत्ति बढ़ा रहा है, बल्कि युवाओं के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है।
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एजेंसी का कहना है कि यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है, जिसे खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
महत्वपूर्ण दस्तावेजों से नेटवर्क बेनकाब होने की उम्मीद
छापेमारी में ईडी को कई अहम दस्तावेज, डायरी, डिजिटल रिकॉर्ड और पेपर ट्रेल मिले हैं, जिनके आधार पर इस पूरे रैकेट का संचालन कैसे होता था, इसकी परतें खुलने की उम्मीद है। अधिकारियों का मानना है कि यह कार्रवाई इस अवैध सिंडिकेट के मास्टरमाइंड और वित्तीय नेटवर्क का खुलासा करेगी।
सरकार का स्पष्ट संदेश – अवैध कारोबार पर जीरो टॉलरेंस
ईडी की यह बड़ी कार्रवाई यह दिखाती है कि केंद्र सरकार कफ सीरप के अवैध कारोबार पर बिल्कुल भी नरमी नहीं बरतना चाहती। एजेंसी ने साफ कहा है कि ऐसे नेटवर्क में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और जांच आगे भी इसी तरह जारी रहेगी।


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