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वाराणसी में देहव्यापार प्रकरण पर BJP नेत्री शालिनी यादव का बड़ा बयान, कहा—“ना मैं मालकिन, ना सह-मालकिन; मुझे बदनाम करने की साजिश”

वाराणसी में देहव्यापार से जुड़े मामले के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। BJP नेत्री शालिनी यादव ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा कि जिस फ्लैट को लेकर उनका नाम घसीटा जा रहा है, उससे उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इसे विपक्ष की एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश बताया है, जिसका उद्देश्य उन्हें बदनाम करना है।

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शालिनी यादव ने कहा कि पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया और कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जानबूझकर झूठी और तोड़-मरोड़कर बनाई गई खबरें फैलाई जा रही हैं।

 

जिनमें लिखा जा रहा है कि उनके मालिकाना फ्लैट में पुलिस ने देहव्यापार पकड़ा और 13 लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि यह खबरें पूरी तरह भ्रमित करने वाली और तथ्यहीन हैं।

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उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस फ्लैट की बात की जा रही है, वह न कभी उनकी संपत्ति रहा है, न वे उसकी मालकिन या सह-मालकिन रही हैं। बावजूद इसके उनके नाम का उपयोग कर ऐसा प्रस्तुत किया गया मानो वह किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त हों। उन्होंने कहा कि पुलिस रिपोर्ट में यह साफ दर्ज है कि सिगरा स्थित फ्लैट से केवल तीन लड़कियों को पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया, जिन्हें बाद में छोड़ भी दिया गया। बाकी 10 लोगों की गिरफ्तारी मेलोडी स्पा नामक दूसरी जगह से हुई थी, लेकिन विपक्ष ने जानी-बूझी रणनीति के तहत इस पूरे मामले को उनके नाम से जोड़ दिया।

शालिनी यादव ने कहा कि यह कार्रवाई उनके परिवार की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि वे राज्यसभा के पूर्व सभापति एवं केंद्रीय मंत्री की बहू हैं, जिनकी ईमानदारी और सेवा आज भी मिसाल मानी जाती है।

उन्होंने कहा—

“उनके पदचिह्नों पर चलते हुए मैं भी जनता की ईमानदारी से सेवा कर रही हूं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ में डूबे विपक्षी दल मुझे झूठे आरोपों से निशाना बना रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि उनकी लीगल टीम इस पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच कर रही है। जिन लोगों ने उनके खिलाफ दुष्प्रचार करते हुए सोशल मीडिया पर गलत खबरें पोस्ट की हैं या समाचारों में झूठ प्रकाशित किया है, उनके खिलाफ मानहानि और IPC की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

उन्होंने कहा—

“कानूनी कार्रवाई इसलिए भी जरूरी है ताकि भविष्य में किसी निर्दोष, खासकर किसी महिला को इस तरह बदनाम करने की कोशिश न हो।”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में BJP नेत्री के पति अरुण यादव ने भी स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि सिगरा स्थित शक्ति शिखा बिल्डिंग का फ्लैट नंबर 112 वर्ष 1999 से उनके नाम पर है और वे इसे वर्षों से किराए पर दे रहे हैं। इसी वर्ष 1 अप्रैल 2025 से उन्होंने फ्लैट को अश्वनी त्रिपाठी, निवासी चंदौली, के नाम पर विधिवत एग्रीमेंट कर किराए पर दिया। उन्होंने बताया कि बिजली का बिल, जलकर और नगर निगम कर सभी उनके नाम से ही जमा होता है।

अरुण यादव ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई दो अलग-अलग स्थानों पर हुई थी। मेलोडी स्पा से 10 लोगों की गिरफ्तारी दिखाई गई, जबकि उनके फ्लैट के किराएदार के यहां से केवल तीन महिलाओं को ले जाया गया, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ भी दिया गया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस मामले में दर्ज FIR में उनका या फ्लैट मालिक का कोई नाम नहीं है। फिर भी सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि पूरे 13 लोगों को उनके ही फ्लैट से पकड़ा गया।

उन्होंने कहा कि मेलोडी स्पा का वह या उनका कोई परिचित मालिक नहीं है, और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही यह खबर पूरी तरह झूठ और दुर्भावनापूर्ण है।

इस पूरे विवाद के बाद अब साफ है कि BJP नेत्री और उनका परिवार इसे राजनीतिक हमले के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि वे इससे पीछे हटने वाले नहीं हैं और कानूनी लड़ाई लड़कर सच सामने लाएंगे।

वाराणसी पुलिस की आगे की जांच और कानूनी कदम अब इस मामले के अगले चरण तय करेंगे, लेकिन इतना तय है कि यह मामला अब केवल पुलिस कार्रवाई तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है।